ना जाने कितना दर्द है इन आँखों में,
कि सारी कायनात है डूबी इन आँखों में...
कभी खुशियों का सागर तो कभी,
ग़मों का सैलाब है उमड़ता इन आँखों में....
कभी नीले आसमान सी रंगत तो कभी,
सेहरा सी प्यास है बसी इन आँखों में....
कभी झरने सी शोख चंचल तो कभी....
रेगीस्तान सी वीरानी है इन आँखों में....
कितने ही पड़ाव आये है राहों में,
मगर ना जाने किसका है इंतज़ार इन आँखों में....
ये आँखे जो कभी बोलती है तो कभी,
खामोश रहकर भी सारे राज़ खोलती हैं...
कौन जाने कितने ही अनकहे सवाल छुपे है इन आँखों में....
कि सारी कायनात है डूबी इन आँखों में...
कभी खुशियों का सागर तो कभी,
ग़मों का सैलाब है उमड़ता इन आँखों में....
कभी नीले आसमान सी रंगत तो कभी,
सेहरा सी प्यास है बसी इन आँखों में....
कभी झरने सी शोख चंचल तो कभी....
रेगीस्तान सी वीरानी है इन आँखों में....
कितने ही पड़ाव आये है राहों में,
मगर ना जाने किसका है इंतज़ार इन आँखों में....
ये आँखे जो कभी बोलती है तो कभी,
खामोश रहकर भी सारे राज़ खोलती हैं...
कौन जाने कितने ही अनकहे सवाल छुपे है इन आँखों में....
अहा...अति सुन्दर
ReplyDeleteultimate feelings.......i wish i cud evn touch d dept of life....i wish i cud be a part of it too.....
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