जय हिन्द

Saturday, February 20, 2010

अश्कों की ज़बान....



दिल का हाल ये अश्क बताते हैं....
जो अनजाने में आ ही जाते हैं...
कहते हैं अश्कों की ज़ुबान नहीं होती....
मगर ये अनकही भी सुनाते हैं....
सीने में उठी है टीस अभी...
सुना है ये अश्क हे इन्हें सहलाते है...
जब तुम्हे दर्द हो तो ये हमारी आँखों में क्यों आते हैं...
तन्हाई में ये ही सच्चे साथी है...
इसलिए तो ये बिन बुलाये ही चले आते हैं....

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