जय हिन्द

Saturday, March 26, 2011

एक बार ज़िन्दगी...



मेरे घर भी आना तू एक बार ज़िन्दगी...
किसी को तेरी बहुत जरुरत है....
हर पल सिसकता है कोई....
तेरे हर नाज़ उठाने के लिए....
हर पल तड़पना क्या होता है...
आ तू भी देख मेरी आँखों से ज़िन्दगी....
मेरे घर भी आना तू एक बार ज़िन्दगी...

ऐसा नहीं कि तुझसे चाहत नहीं है मुझे....
लेकिन सिर्फ चाहते ही हैं जो मजबूर करती हैं...
कुछ ना पाने कि टीस को नासूर करती हैं....
नहीं है मुझमे अब इतनी हिम्मत बाकी....
हर लम्हा गुजरता जा रहा है...
कहीं ऐसा ना हो कि ख़त्म हो जाए तुझे पाने कि आस ज़िन्दगी....
मेरे घर भी आना तू एक बार ज़िन्दगी....

हर साँसे तेरे आने कि आस में आती हैं...
उम्मीद भी उन्ही साँसों के साथ ख़त्म हो जाती है...
कही ऐसा ना हो... कि किसी के अरमान सीने में हे दफ़न हो जाएँ...
क्यों नहीं आता रहम तुझे किसी कि सिसकियों पर...
कहीं ऐसा ना हो कि टूट जाए तुझपर से किसी का ऐतबार ज़िन्दगी...
मेरे घर भी आना तू एक बार ज़िन्दगी...
मेरे घर भी आना तू एक बार ज़िन्दगी...



Monday, March 7, 2011

कैसा ये सम्मान...



हर रोज़ नारी को अपमान का घूंट पीना पड़ता है....
एक स्त्री होने का कहर सहना पड़ता है..
कभी बेटी के रूप में...जिम्मेदार बन खुदके अरमानों का गला घोटा है....तो माँ के रूप में खुद को ही भुला बैठती है....हर मोड़ पर एक ऑरत होना ही उसके सपनो का ही दुश्मन बना है....जिम्मदारी का लिहाफ ओढ़े जब बेटी दूसरे घर जाती है...तो उसे वो स्वर्ग बनती है...मगर हर पल उसका दिल अपने पन को तरसता है....बस कहने को ही बहु और बेटी एक सामान है....जब वो पंख फैला अपने सपनों को पूरा करना चाहती है....तो उसके पंख क़तर दिया जाते हैं...आज सारा समाज यही कहता है....लड़का लड़की में आज फर्क कहाँ हैं....लेकिन हकीकत को जानता हर इंसान है....हर कदम पे रिश्ते, नाते, रस्मों कि जंजीरों में हमें ही जकड़ा जाता है...परिवार की शान के नाम पे हमारा ही गला घोटा जाता है...कभी दहेज़ तो कभी नफरतों कि आग में कई बार झुलसाई गयी हैं...हमने जब अपना नाम आसमान में लिख दिया है
फिर क्यों हम .. हर मोड़ पर सताई गयी हैं....
हर कदम पे हमें मजबूर किया हैं... हमारे पैरो को जकड़ दिया है....
जब हमारे कदम बढे भी हैं तो....उनके हौसलों को वहीं पस्त किया गया है....हमारा जब कोई वजूद ही नहीं था तो फिर क्यों ?
हर
पल दधकती आग में जलने को पैदा किया....क्यों आखिर क्यों हमें पैदा किया?????