किसी को तेरी बहुत जरुरत है....
हर पल सिसकता है कोई....
तेरे हर नाज़ उठाने के लिए....
हर पल तड़पना क्या होता है...
आ तू भी देख मेरी आँखों से ज़िन्दगी....
मेरे घर भी आना तू एक बार ज़िन्दगी...
ऐसा नहीं कि तुझसे चाहत नहीं है मुझे....
लेकिन सिर्फ चाहते ही हैं जो मजबूर करती हैं...
कुछ ना पाने कि टीस को नासूर करती हैं....
नहीं है मुझमे अब इतनी हिम्मत बाकी....
हर लम्हा गुजरता जा रहा है...
कहीं ऐसा ना हो कि ख़त्म हो जाए तुझे पाने कि आस ज़िन्दगी....
मेरे घर भी आना तू एक बार ज़िन्दगी....
हर साँसे तेरे आने कि आस में आती हैं...
उम्मीद भी उन्ही साँसों के साथ ख़त्म हो जाती है...
कही ऐसा ना हो... कि किसी के अरमान सीने में हे दफ़न हो जाएँ...
क्यों नहीं आता रहम तुझे किसी कि सिसकियों पर...
कहीं ऐसा ना हो कि टूट जाए तुझपर से किसी का ऐतबार ज़िन्दगी...
मेरे घर भी आना तू एक बार ज़िन्दगी...
मेरे घर भी आना तू एक बार ज़िन्दगी...