जय हिन्द

Saturday, July 17, 2010

सिर्फ तुम होगे.......


साथ हम चले हैं....पर न जाने कब तक ये साथ होगा....
डरते है जब तुम न होगे....
तो वो आलम कैसा होगा....

सो जायेंगे हम मौत के आगोश में...
और साथ मेरे कोई न होगा....
होगी न सुबह उस रात की...
जब तेरा हाथ मेरे हाथों से छूटेगा...

रह जायेगी एक ख़ामोशी और...
कोई न मेरी मौत का गवाह होगा...
चले जायेंगे दूर सबसे...
और साथ मेरे तेरी यादो का कारवां होगा...

होगी वो रात क़यामत की और....
मेरी ज़िन्दगी का सूरज डूबेगा...
दे जायेंगे हम दुवाओं के तोहफे...
के तुम रहो सबसे आगे...
तुमसे आगे कोई न होगा...

बंद आँखों में तेरी तस्वीर होगी...
और तेरी यादों के साथ शुरू मेरा दूसरा सफ़र होगा...
दूर सितारों में जाके तुम्हे देखा करेंगे...
तब तुम्हे देखने से हमे कौन रोकेगा...

और भी रहेंगे करीब तेरे
हर ख़ुशी में तेरे हर गम में....
तेरी यादो का हकदार मेरे सिवा कोई न होगा...

तुम्हे झिलमिलाती आँखों से देखा करेंगे...
मांगेंगे खुशियाँ तेरे हर एक पल के लिए...
तब मुझसा खुशनसीब कोई न होगा...

जब तक सितारों में रहेंगे ...
तुम्हे हम देखा करेंगे....
और जब तुम ऊपर आओगे तो....
तुम से पहले ......इस सितारे का अंत होगा...
मेरे जीवन में सिर्फ तुम होगे....
और दूसरा कोई न होगा....



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