क्यों हम इन राहो पर आज इतने तन्हा है....
ज़िन्दगी के हर पल मुझे से हैरां है....
राहों पे चलते हुए सोचा करते है...
क्यों मेरा ही साया मुझसे परेशान है...
ये दिल भी चाहता है हँसना...
किसी कि बातो पे हैरां होना...
लेकिन क्यों ये दिल उन...
सारी खुशियों से अनजान है...
क्यों मै अपने अरमानो को...
आसमानों कि सैर कराने से डरती हूँ...
जबकि चारो तरफ मेरे....
खुशियों का सामान है....
हर पल बस इंतज़ार में कटता है....
कि वो लम्हे फिर इस ज़िन्दगी में...
शामिल हो जाए....
लेकिन जानता है ये दिल...
कि ये बस अधूरे अरमान है....
तुम्हें गद्य लिखना चाहिए....मुझे लगता है, उसमें तुम अपनी भावनाओं को अच्छे से व्यक्त कर सकोगी
ReplyDeletebahut sundar rachana.......
ReplyDeleteApply for CMMI Level 5 Certifications Online
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