एक खूबसूरत अहसास के साथ मन खो चला है...
आगे बढ़ चला है अनजाने एक सफ़र में...
एक नया सपना और एक उम्मीद है...
है कोई जो सिर्फ उसका है...
वो ही उसका आसमान और जमीं...
फिर भी क्यों है आँखों में नमी...
ख़ुशी तो है पर न जाने कुछ बेचैनी सी है
कुछ है जो अन्दर उलझी सी है
लाख चाहो पर गठान सुलझती ही नहीं...
वो है की खुद से बाहर निकलती ही नहीं...
एक सपना है जो उसने भी देखा है...
उसकी भी ख़ुशी है पर वो सपना भी उसका है...
हर बार दिल से उसके एक ही आह निकली है...
हर पल वो उसके साथ है लेकिन एक ख्वाहिश उसकी भी है....
हर पल वो उसके साथ है लेकिन एक ख्वाहिश उसकी भी है....