जय हिन्द

Saturday, December 11, 2010

ज़िन्दगी का साहिल

क्या कहूँ तुम्हें ???

एक अधुरा ख्वाब जिसके आने से ही....

किसी की साँसे चला करती है....

एक ऐसा जज़्बात जिसे शब्दों में ढालना मुश्किल है...

लेकिन उसके ही दम पर किसी की दुनिया टिकी है...

या फिर....

एक तूफानी लहर कहूँ जिसके थपेड़े ही...

किसी की ज़िन्दगी का साहिल है...