जय हिन्द

Monday, July 26, 2010

सपने सी ज़िन्दगी....


ज़िन्दगी भी बड़ी अजीब है....
यहाँ हर किसी का साथ है...
लेकिन जाने कौन किसके करीब है....
सपनो मैं देखा करते थे एक चेहरा जाना पहचाना सा ....
पर सुबह जब आँख खुली तो पता चला वो .....
किसी और का नसीब है.....
झिलमिलाती आँखों से बुना किये एक सपना...
हर जर्रे ने कहा वो सपना है तुम्हारा अपना....
लेकिन वो ख्वाब ही रहा हमेशा ....
न बन पाया वो हमराह किसी का....


Saturday, July 17, 2010

सिर्फ तुम होगे.......


साथ हम चले हैं....पर न जाने कब तक ये साथ होगा....
डरते है जब तुम न होगे....
तो वो आलम कैसा होगा....

सो जायेंगे हम मौत के आगोश में...
और साथ मेरे कोई न होगा....
होगी न सुबह उस रात की...
जब तेरा हाथ मेरे हाथों से छूटेगा...

रह जायेगी एक ख़ामोशी और...
कोई न मेरी मौत का गवाह होगा...
चले जायेंगे दूर सबसे...
और साथ मेरे तेरी यादो का कारवां होगा...

होगी वो रात क़यामत की और....
मेरी ज़िन्दगी का सूरज डूबेगा...
दे जायेंगे हम दुवाओं के तोहफे...
के तुम रहो सबसे आगे...
तुमसे आगे कोई न होगा...

बंद आँखों में तेरी तस्वीर होगी...
और तेरी यादों के साथ शुरू मेरा दूसरा सफ़र होगा...
दूर सितारों में जाके तुम्हे देखा करेंगे...
तब तुम्हे देखने से हमे कौन रोकेगा...

और भी रहेंगे करीब तेरे
हर ख़ुशी में तेरे हर गम में....
तेरी यादो का हकदार मेरे सिवा कोई न होगा...

तुम्हे झिलमिलाती आँखों से देखा करेंगे...
मांगेंगे खुशियाँ तेरे हर एक पल के लिए...
तब मुझसा खुशनसीब कोई न होगा...

जब तक सितारों में रहेंगे ...
तुम्हे हम देखा करेंगे....
और जब तुम ऊपर आओगे तो....
तुम से पहले ......इस सितारे का अंत होगा...
मेरे जीवन में सिर्फ तुम होगे....
और दूसरा कोई न होगा....



Saturday, July 3, 2010

माँ का आँचल....


सुबह की हर दस्तक पर जब माँ मुझे नींद से जगाती थी....
उनींदी अंखियो से हमे चिडियों का गाना सुनाती थी....
उसकी मीठी सी बोली सुन मैं झट से कहता माँ अभी तो रात है....
कुछ देर और सोने दो न....
वो कहती राजा बेटा वो देखो चिड़िया वो तो तुमसे भी छोटी है...
लेकिन वो अपने मुन्ने को लेकर इस समय कही दूर जा रही होती है...
उनकी प्यारी प्यारी बातों से मेरा झट पट उठ जाना...
और दूजे ही पल कई सवाल लेकर मम्मी के आगे पीछे मंडराना...
मेरी उलटे सीधे सवालो को सुन तु झट से हंस देती और कहती मुन्ने राजा तू है बड़ा ही प्यारा...
रोज स्कूल न जाने की जिद्द करना वो चंदा मामा की कहानियाँ सुन उन्हें पाने की जिद्द करना...
सच आज लगता है की वो बचपन कितना प्यारा था....
रोते थे सब के सामने मगर हर कोई हमारा था...
आज तो दिल का हाल बताने में डर लगता है...
माँ आज फिर से तेरे ही आँचल तले छुप जाने को दिल करता है...

आज मेरी जिन्दगानी निकल पड़ी...



आज फिर तेरी यादो की निशानी निकल पड़ी ...
राहों में हमने उसे समझाया तो बहुत...
मगर मुझसे पहले उसकी दीवानी चल पड़ी ...
किस्मत ने बताया था तेरा पता....
समझाया था ऐसे न मिला किसी से...
लेकिन जब तेरा ज़िक्र आया तो...
खुद बा खुद मेरी साँसों की रवानी चल पड़ी ...
एक तेरी ही तलाश में भटका किये दर बदर...
मगर आज जब तू सामने आया तो....
मुझसे दूर मेरी जिंदगानी चल पड़ी...
जब तू मिला हमें एक पल के लिए लगा था...
जैसे ये दिल जनता हो तुझे हमेशा से...
तुझसे हुई बाते और कुछ हसीं मुलाकातों में...
मेरे ख्वाबो की हर निशानी निकल पड़ी....
एक पल ऐसा लगा की ये ख्वाब न टूटेगा कभी...
लेकिन आज जानती हूँ उन यादो की कसक को...
तेरी हर एक याद से टूटा है ये दिल और...
और कभी न ख़त्म होने वाली एक कहानी निकल पड़ी...