जय हिन्द

Saturday, June 26, 2010

एक तमन्ना...


तमन्ना है तुम्हारे साथ जिने की...
तुम्हारे लिए ही मरने की...
जितनी भी खुशियाँ है इस जहाँ में ....
उन्हें तुम्हारे दामन में भरने की....

राहों में तुम्हारे जितने भी कांटे हो...
उन्हें अपने पलकों से बीनने की...
जिन भी राहों से गुजरो तुम...
उनपर फूल ही फूल बिछाने की...

न हो तुम्हारा सामना गम से कभी....
इतना प्यार तुम्हे देने की...
करलू महफुज दिल में तुम्हे...
मिटा दू थकन ज़माने की...

तमन्ना है तुम पर दिलोजान लुटाने की...
तुम्हे अपना बनाने की...
तुम्हे न हो तमन्ना किसी की
तुम्हारी तमन्ना बन जाने की...

नजरो में बसा के तुम्हे...
सारे जहाँ सी दूर...
एक खुशियों भरे जहाँ में ले जाने की...

ऐ खुदा बस इतनी रहमत कर दे....
मुझे उसका ता उम्र साथ देदे...
वरना ना रहेगी ख्वाहिश....
उसके बिना ज़िन्दगी निभाने की....